मै अकेला Ek Kavita aisi bhi 10:06मै अकेला भीड़ मेरे हर तरफ, पर मै अकेला, जानता हूँ ये जिंदगी, तन्हा है मुश्किल। फिर भी जाने क्यों नही, लगता कहीं दिल। रह रह कर बस खुद से... Read More
एक चुस्की... Ek Kavita aisi bhi 12:34 सूरज की पहली किरण से पहले, ठंड को दरकिनार कर, चलती फिरती चार टांगो पर बन रही, जब भईया जी की चाय में उबाल आता है। उसकी एक चुस्की में आन... Read More
चांद नजर आया... Ek Kavita aisi bhi 11:59 चांदनी जिसके संग है, वो चांद भी सरमाया । आज हर घर अटरिया पर, चांद नजर आया । कोई बेताब था, चांद के इंतजार म... Read More
दो पंक्षी Ek Kavita aisi bhi 11:30 होकर एक दूजे केे नजदीक भी , रह गयी दरमियाँ कुछ दूरियां । किसी के चांद भी वीरान हैं, और किसी की नोक पर भी चिड़िया । ... Read More
कृष्ण जन्म Ek Kavita aisi bhi 12:31 स्वर्ण मुकुट सिर सोहे सुंदर, माथे तिलक निराला । कंठ पड़ी मोतियन की माला, ऐसो नंद का लाला । कान्... Read More
'भारत का चित्रण' (तब से अब तक ) Ek Kavita aisi bhi 00:07 नमन कर ' मातु भारत ' को, ' तिरंगा ध्वज ' मैं फहराऊं। करूँ वंदन हे जग जननी, फसाने वीरों के गाऊं। कहलाता था ये... Read More
'एक पत्र' अपनी दोस्ती का Ek Kavita aisi bhi 11:53ऐ मेरे दोस्त, मै तुम्हे खुद से कहीं ज्यादा याद हूँ। मैं सिर्फ कहता ही था कि याद रखने के मामले में, मैं उस्ताद हूँ। सच तो यह है कि मैं शा... Read More