मोड़ थे, कुछ अड़चनें भी थी,
पर हम संभल कर चलते रहे।
राह लम्बी सुहाने, सफर वाली थी
हमसफर भी अनेकों मिलते रहे।
कारवां इस कदर से, मेरा बढ़ने लगा।
कुछ मिले तो, बहुत कुछ बदलने लगा।
आज दिल से मैं उनका शुक्रगुजार हूं।
जिनसे मेरा ये जीवन संवरने लगा।
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